Muk-Abhivyakti
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Sunday, January 23, 2011
मन
किसकी तलाश में है तू ऐ मन
कौन सी चाह अधूरी है...
खवाबों की इस दुनियाँ में
किसकी चाहत पूरी है...
जीवन के सफर का तू
एक अलबेला राही...
सच्चाई से अंजान है तू
खुद से लड़ना,दर्द को सहना
यहाँ इंसान की मजबूरी है।
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