बातों
बातों में जब भी तुम
हौले से मेरी हथेलियों को
छू लेते हो...तो
मेरा तन मन यूं खिल उठता है
जैसे खिंजा के मौसम में
मेरे दिल पर बहार ने दस्तक दी हो
जैसे बिन बरसात जंगल में
मोर नाच उठा हो...
जैसे मेरे बेरंग जीवन में
एक साथ कई रंग बिखर गए हो
जैसे मेरे प्यासे हृदय को
बारिश की बूंदों नें अंदर तक
भिंगो डाला हो....सुनो...
तुम्हारे जाने के बाद भी
मैं देर तक अपनी हथेलियों को
सहलाती रहती हूँ....
महसूस करती हूँ तुम्हारे
स्पर्श की खुशबू को...
यूं जैसे तुम्हारे प्यार को
अपने मन की सीपी में
'मोती' की तरह क़ैद
कर लेना चाहती हूँ..सुनो..
तुम मेरे उजड़े चमन में
सुगंधित पुष्प बनकर आए हो
मेरे जीवन में सदा यूं हीं
सिर्फ प्यार बनकर रहना....!!!
'कुछ बातें दिल से दिल तक'......
हौले से मेरी हथेलियों को
छू लेते हो...तो
मेरा तन मन यूं खिल उठता है
जैसे खिंजा के मौसम में
मेरे दिल पर बहार ने दस्तक दी हो
जैसे बिन बरसात जंगल में
मोर नाच उठा हो...
जैसे मेरे बेरंग जीवन में
एक साथ कई रंग बिखर गए हो
जैसे मेरे प्यासे हृदय को
बारिश की बूंदों नें अंदर तक
भिंगो डाला हो....सुनो...
तुम्हारे जाने के बाद भी
मैं देर तक अपनी हथेलियों को
सहलाती रहती हूँ....
महसूस करती हूँ तुम्हारे
स्पर्श की खुशबू को...
यूं जैसे तुम्हारे प्यार को
अपने मन की सीपी में
'मोती' की तरह क़ैद
कर लेना चाहती हूँ..सुनो..
तुम मेरे उजड़े चमन में
सुगंधित पुष्प बनकर आए हो
मेरे जीवन में सदा यूं हीं
सिर्फ प्यार बनकर रहना....!!!
'कुछ बातें दिल से दिल तक'......